Sep 23, 2023
भारत में कई स्थान हैं जहां किसान परंपरागत खेती के अलावा कुछ नया करते हैं।
Credit: Social-Media/Istock
नए से हमारा मतलब खेती के नए-नए प्रयोगों से है, जिसका ट्रायल वे फसलों लाभ और हानि जानने के बाद करते हैं।
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उद्यान विभाग की क्रियाशीलता और कृषि विज्ञान केंद्र के मार्गदर्शन से नए-नए तरीकों से खेती करके किसान आजकल बहुत मुनाफा कमा रहे हैं।
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यूपी के बुंदेलखंड में तो कई किसान स्ट्रॉबेरी की खेती करके भी कृषि जगत को उन्नत बना रहे हैं और मुनाफा कमा रहे हैं।
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भारत में अब इसी प्रकार की एक सब्जी की चर्चा हो रही है जिसे देसी मटन की संज्ञा दी जाती है। देश के किसी बड़े राज्य प्रांत में एक किसान ने देसी मटन कही जाने वाली इस सब्जी की खेती शुरू की है।
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किसान बताते हैं कि, इस सब्जी की खेती में 7 से 8 महीने का समय लग जाता है। इसके बाद ये सब्जी स्थानीय क्षेत्रों में 5000 रुपये क्विंटल की दर से बेची जाती है।
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देसी मटन कही जाने वाली इस सब्जी का नाम है ओल। जिसकी खेती बिहार के पूर्वी चंपारण स्थित मथुरापुर पंचायत के अमवा गांव में किसान विजय कुमार द्वारा की गई है।
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देसी मटन के नाम से फेमस इस सब्जी को बहुत से क्षेत्र में जिमीकंद या सूरन भी कहते हैं।
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किसान विजय कुमार ने बताया कि, जिला उद्यान विभाग ने फ्री में ओल के बीज उपलब्ध कराए। शुरुआत में लागत में कमी आई और फसल में 20 हजार का खर्च हुआ। इसके बाद अब उन्होंने 5 कट्ठा में ओल की खेती की है।
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